बदले हुए इरादे से हैरान हूं आखिर वह कसमे वादे कहां खो गए मोहब्बत की पनाहों में अच्छी जिंदगी की ख्वाहिश थी मैं तन्हाई के समंदर में डूब कर रह गया हूं गलतफहमी से प्यार भरी मुस्कान झूठे वादों पर भरोसा हो गया जब सब कुछ लूट कर चली गई तब एहसास हुआ मेरे साथ धोखा हो गया
मुझे मोहब्बत हो गई है अब दिल को समझाना मुमकिन नहीं होगा करीब रहने का इंतजाम कर दो दूर रहने में जान निकल जाएगी दिल का हाल क्या बताएं सब कुछ भूल जाता है जब किसी से सच्चा प्यार होता है कभी मीठी मीठी बातों से तो कभी आंखों के इशारों में प्यार होता है उसके रूठ जाने की वजह क्या थी असमंजस में फंसा हुआ हूं हर कदम इशारों पर चलता रहा हूं सादगी से मोहब्बत करता रहा हूं तकलीफ कुछ कम हो गई होती जो बता देती मेरी खता क्या है