हमारी मोहब्बत क्या है धीरे धीरे समझ जाओगी तोड़कर नफरत की दीवार मेरे करीब आओगे जिस तरह तुमसे बेपनाह मोहब्बत करता हूं यह बेकार नहीं जाएगी जब सही ढंग से मुझको समझ जाओगी
बदले हुए इरादे से हैरान हूं आखिर वह कसमे वादे कहां खो गए मोहब्बत की पनाहों में अच्छी जिंदगी की ख्वाहिश थी मैं तन्हाई के समंदर में डूब कर रह गया हूं गलतफहमी से प्यार भरी मुस्कान झूठे वादों पर भरोसा हो गया जब सब कुछ लूट कर चली गई तब एहसास हुआ मेरे साथ धोखा हो गया