उसकी बातों पर यकीन अब न मुझको रहा क्योंकि कई बार वह मेरे भरोसे को तोड़ चुकी है अब उसकी गलियों में आना जाना कम कर दिया है यूं समझ लीजिए धीरे-धीरे उसकी गलियों को छोड़ चुका हूं
मुझे मोहब्बत हो गई है अब दिल को समझाना मुमकिन नहीं होगा करीब रहने का इंतजाम कर दो दूर रहने में जान निकल जाएगी दिल का हाल क्या बताएं सब कुछ भूल जाता है जब किसी से सच्चा प्यार होता है कभी मीठी मीठी बातों से तो कभी आंखों के इशारों में प्यार होता है उसके रूठ जाने की वजह क्या थी असमंजस में फंसा हुआ हूं हर कदम इशारों पर चलता रहा हूं सादगी से मोहब्बत करता रहा हूं तकलीफ कुछ कम हो गई होती जो बता देती मेरी खता क्या है