रह रह कर उस बेवफा की याद आती है उसके वादों को सोचता हूं तो यकीन नहीं होता खुश रखने को उसको कर्ज इतना ज्यादा किया जिंदगी मेरी तबाह हो गई
मुझे मोहब्बत हो गई है अब दिल को समझाना मुमकिन नहीं होगा करीब रहने का इंतजाम कर दो दूर रहने में जान निकल जाएगी दिल का हाल क्या बताएं सब कुछ भूल जाता है जब किसी से सच्चा प्यार होता है कभी मीठी मीठी बातों से तो कभी आंखों के इशारों में प्यार होता है उसके रूठ जाने की वजह क्या थी असमंजस में फंसा हुआ हूं हर कदम इशारों पर चलता रहा हूं सादगी से मोहब्बत करता रहा हूं तकलीफ कुछ कम हो गई होती जो बता देती मेरी खता क्या है