उस बेवफा पर भरोसा करके जो मैंने दर्द झेला है उसे बता नहीं सकता अपनी इज्जत को और ज्यादा मिट्टी में मिला नहीं सकता मेरे ऊपर सब लोग हंसते हैं और ज्यादा आंसू बहा नहीं सकता
बदले हुए इरादे से हैरान हूं आखिर वह कसमे वादे कहां खो गए मोहब्बत की पनाहों में अच्छी जिंदगी की ख्वाहिश थी मैं तन्हाई के समंदर में डूब कर रह गया हूं गलतफहमी से प्यार भरी मुस्कान झूठे वादों पर भरोसा हो गया जब सब कुछ लूट कर चली गई तब एहसास हुआ मेरे साथ धोखा हो गया