वह अलविदा कह गई उसे याद करके आंखें नम हो जाती है ऐसा प्रतीत होता है जैसे मेरे आस-पास हो अचानक से खुद को झकझोर कर अपना भरम तोड़ता हूं
बदले हुए इरादे से हैरान हूं आखिर वह कसमे वादे कहां खो गए मोहब्बत की पनाहों में अच्छी जिंदगी की ख्वाहिश थी मैं तन्हाई के समंदर में डूब कर रह गया हूं गलतफहमी से प्यार भरी मुस्कान झूठे वादों पर भरोसा हो गया जब सब कुछ लूट कर चली गई तब एहसास हुआ मेरे साथ धोखा हो गया