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हमारी मोहब्बत क्या है

 हमारी मोहब्बत क्या है धीरे धीरे समझ जाओगी तोड़कर नफरत की दीवार मेरे करीब आओगे जिस तरह तुमसे बेपनाह मोहब्बत करता हूं यह बेकार नहीं जाएगी जब सही ढंग से मुझको समझ जाओगी

धीरे-धीरे मुझ पर इश्क का नशा

धीरे-धीरे मुझ पर इश्क का नशा इस कदर चढ़ गया रोज उसकी गलियों के चक्कर लगाने लगा भाव दिया ही नहीं मुझको कभी एक तरफा मोहब्बत मे घुटता रहा

उसकी बातों पर यकीन अब न मुझको रहा

 उसकी बातों पर यकीन अब न मुझको रहा क्योंकि कई बार वह मेरे भरोसे को तोड़ चुकी है अब उसकी गलियों में आना जाना कम कर दिया है यूं समझ लीजिए धीरे-धीरे उसकी गलियों को छोड़ चुका हूं

वह अलविदा कह गई

वह अलविदा कह गई उसे याद करके आंखें नम हो जाती है ऐसा प्रतीत होता है जैसे मेरे आस-पास हो अचानक से खुद को झकझोर कर अपना भरम तोड़ता हूं

रह रह कर उस बेवफा की याद आती है

रह रह कर उस बेवफा की याद आती है उसके वादों को सोचता हूं तो यकीन नहीं होता खुश रखने को उसको कर्ज इतना ज्यादा किया जिंदगी मेरी तबाह हो गई

उस बेवफा पर भरोसा करके

उस बेवफा पर भरोसा करके जो मैंने दर्द झेला है उसे बता नहीं सकता अपनी इज्जत को और ज्यादा मिट्टी में मिला नहीं सकता मेरे ऊपर सब लोग हंसते हैं और ज्यादा आंसू बहा नहीं सकता